Today Gold Rate: पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। अप्रैल के मध्य में सोना अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर 73,958 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था, लेकिन अब इसके दाम तेजी से गिर रहे हैं। पिछले तीन दिनों में ही सोना 2,355 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें मिडिल ईस्ट में तनाव कम होना और अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना प्रमुख हैं।
आइए विस्तार से जानते हैं कि सोने के दाम में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई है और इसका क्या असर हो सकता है।
सोने के दाम में गिरावट के कारण
1. मिडिल ईस्ट में तनाव कम होना: पिछले कुछ महीनों से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा हुआ था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर रुख कर रहे थे। लेकिन अब इस क्षेत्र में तनाव कम होने के संकेत मिल रहे हैं, जिससे सोने की मांग कम हो रही है।
2. अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना: अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। डॉलर मजबूत होने से अन्य मुद्राओं में सोना खरीदना महंगा हो जाता है, जिससे इसकी मांग कम होती है।
3. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों में कमी: पहले उम्मीद थी कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह कटौती जल्द नहीं होगी, जिससे सोने की आकर्षकता कम हुई है4।
सोने के वर्तमान दाम
कैरेट | दाम (रुपये प्रति 10 ग्राम) |
24 कैरेट | 70,451 |
22 कैरेट | 64,580 |
18 कैरेट | 52,838 |
सोने के दाम में गिरावट का असर
- निवेशकों के लिए: जो लोग लंबे समय के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह अच्छा मौका हो सकता है।
- ज्वैलरी खरीदारों के लिए: शादी-ब्याह के मौसम में सोने के सस्ता होने से ज्वैलरी खरीदारों को राहत मिल सकती है।
- अर्थव्यवस्था पर: सोने के आयात पर खर्च कम होने से देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो सकता है।
क्या आगे भी सोने के दाम गिरेंगे?
यह कहना मुश्किल है कि आगे सोने के दाम और गिरेंगे या नहीं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि:
- अगर अमेरिकी डॉलर मजबूत बना रहता है तो सोने के दाम और गिर सकते हैं।
- लेकिन अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में कोई बड़ा झटका आता है, तो सोने की कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।
- त्योहारों के मौसम में सोने की मांग बढ़ने से इसके दाम में कुछ तेजी आ सकती है।
सोने के दाम कैसे तय होते हैं?
- वैश्विक कीमतें: भारत में सोने के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार से तय होते हैं।
- डॉलर की मजबूती: अमेरिकी डॉलर मजबूत होने पर सोना सस्ता होता है।
- ब्याज दरें: कम ब्याज दरों पर सोने की मांग बढ़ती है।
- मांग और आपूर्ति: त्योहारों के समय मांग बढ़ने से दाम बढ़ते हैं।
- सरकारी नीतियां: आयात शुल्क या GST में बदलाव से कीमतें प्रभावित होती हैं।
सोने में निवेश करना चाहिए या नहीं?
- लंबी अवधि के लिए: सोने में निवेश लंबी अवधि के लिए करना चाहिए।
- पोर्टफोलियो का हिस्सा: अपने निवेश पोर्टफोलियो का 10-15% हिस्सा ही सोने में रखें।
- विकल्प देखें: फिजिकल गोल्ड के अलावा गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प भी हैं।
- खरीदने का समय: जब कीमतें गिर रही हों तो धीरे-धीरे खरीदारी करें।