RBI New Guideline: EMI भरने वालों के लिए खुशखबरी! RBI के नए नियम 1 तारीख से होंगे लागू, जानें डिटेल्स

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RBI New Guideline: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन पर लगने वाले पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये नए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो गए हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य कर्जदारों को अनुचित जुर्माने से बचाना और बैंकों को ऋण देने की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शी बनाना है।

इन नए नियमों के तहत, बैंक और वित्तीय संस्थान अब कर्जदारों पर EMI की देरी से भुगतान या लोन की शर्तों के उल्लंघन पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकेंगे। यह कदम उपभोक्ताओं को अनुचित दंडात्मक शुल्क से बचाने और कर्जदारों के बीच जिम्मेदार क्रेडिट व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।

RBI के नए दिशानिर्देश क्या हैं?

  1. बैंक अब देर से EMI भुगतान पर पेनल इंटरेस्ट नहीं लगा सकते हैं।
  2. कोई भी पेनल चार्ज लोन की मूल राशि में नहीं जोड़ा जा सकता।
  3. पेनल चार्ज पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जा सकती।
  4. पेनल चार्ज केवल डिफॉल्ट राशि पर ही लगाया जा सकता है।
  5. एक ही लोन प्रोडक्ट के लिए रिटेल और कॉरपोरेट कर्जदारों पर समान पेनल्टी लगेगी।

इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेनल चार्ज का उपयोग राजस्व बढ़ाने के साधन के रूप में न किया जाए, बल्कि इसका उपयोग केवल जिम्मेदार क्रेडिट व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाए।

नए नियमों का कार्यान्वयन

RBI के नए दिशानिर्देशों का कार्यान्वयन निम्नलिखित समय सीमा के अनुसार किया जाएगा:

लोन का प्रकारलागू होने की तिथि
नए लोन1 अप्रैल 2024
मौजूदा लोन1 जून 2024

RBI ने वित्तीय संस्थानों को अपनी प्रणालियों और प्रक्रियाओं को समायोजित करने के लिए अधिक समय देने के उद्देश्य से कार्यान्वयन की तिथि को 1 जनवरी से बढ़ाकर 1 अप्रैल कर दिया था।

कर्जदारों के लिए फायदे

RBI के नए दिशानिर्देशों से कर्जदारों को निम्नलिखित लाभ होंगे:

  • अनुचित पेनल चार्ज से मुक्ति
  • लोन की लागत में कमी
  • अधिक पारदर्शी ऋण प्रक्रिया
  • बेहतर ग्राहक सेवा
  • वित्तीय बोझ में कमी

इन नियमों से कर्जदारों को राहत मिलेगी और उन्हें अपने लोन का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर प्रभाव

नए दिशानिर्देशों के कारण बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं में कुछ बदलाव करने होंगे:

  1. लोन समझौतों की समीक्षा और संशोधन
  2. पेनल चार्ज की संरचना में बदलाव
  3. ग्राहकों को नए नियमों के बारे में सूचित करना
  4. आंतरिक प्रणालियों में बदलाव
  5. कर्मचारियों को नए नियमों के बारे में प्रशिक्षित करना

इन बदलावों से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपने व्यवसाय मॉडल में कुछ समायोजन करने की आवश्यकता हो सकती है।

पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट में अंतर

नए नियमों को समझने के लिए पेनल चार्ज और पेनल इंटरेस्ट के बीच अंतर को समझना महत्वपूर्ण है:

पेनल चार्ज:

  • एक निश्चित राशि जो डिफॉल्ट या नियमों के उल्लंघन पर लगाई जाती है
  • ब्याज दर से अलग होता है
  • अब केवल डिफॉल्ट राशि पर ही लगाया जा सकता है

पेनल इंटरेस्ट:

  • मौजूदा ब्याज दर के ऊपर एक अतिरिक्त दर
  • अब लगाया नहीं जा सकता है

RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे पेनल चार्ज को लोन राशि में न जोड़ें और न ही इन चार्जों पर अतिरिक्त ब्याज की गणना करें।

नए नियमों का दायरा

RBI के नए दिशानिर्देश निम्नलिखित लोन प्रोडक्ट्स पर लागू होंगे:

  • होम लोन
  • पर्सनल लोन
  • ऑटो लोन
  • एजुकेशन लोन
  • क्रेडिट कार्ड
  • बिजनेस लोन

हालांकि, कुछ विशेष प्रकार के लोन इन नियमों से बाहर रखे गए हैं:

  • विदेशी मुद्रा ऋण
  • रुपया/विदेशी मुद्रा निर्यात ऋण
  • ट्रेड क्रेडिट
  • स्ट्रक्चर्ड ऑब्लिगेशंस

पेनल चार्ज का निर्धारण

RBI ने बैंकों को पेनल चार्ज निर्धारित करने के लिए कुछ दिशानिर्देश दिए हैं:

  • चार्ज उचित और तर्कसंगत होने चाहिए
  • चार्ज बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार लगाए जाने चाहिए
  • चार्ज गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से लगाए जाने चाहिए
  • चार्ज का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना नहीं होना चाहिए
  • चार्ज केवल डिफॉल्ट राशि पर ही लगाया जाना चाहिए

हालांकि, RBI ने पेनल चार्ज की अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं की है। बैंकों को अपनी नीतियों के अनुसार उचित चार्ज तय करने की छूट दी गई है।

ग्राहकों के लिए पारदर्शिता

नए नियमों के तहत, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को पेनल चार्ज के बारे में ग्राहकों को पूरी जानकारी देनी होगी:

  • पेनल चार्ज की मात्रा और कारण लोन समझौते में स्पष्ट रूप से बताए जाने चाहिए
  • यह जानकारी Most Important Terms & Conditions (MITC) या Key Fact Statement (KFS) में भी शामिल होनी चाहिए
  • बैंक की वेबसाइट पर पेनल चार्ज की अनुसूची प्रदर्शित करना पर्याप्त नहीं है

इन उपायों से यह सुनिश्चित होगा कि ग्राहकों को लोन लेते समय सभी संबंधित जानकारी मिले और वे सूचित निर्णय ले सकें।

मौजूदा लोन के लिए प्रावधान

मौजूदा लोन के लिए, RBI ने निम्नलिखित प्रावधान किए हैं:

  1. नए नियम 1 जून 2024 से लागू होंगे
  2. बैंकों को अपने ग्राहकों को नए नियमों के बारे में सूचित करना होगा
  3. अगली समीक्षा या नवीनीकरण की तारीख पर नए नियम लागू होंगे
  4. यदि समीक्षा या नवीनीकरण की तारीख 30 जून 2024 के बाद है, तो भी नए नियम 30 जून 2024 से लागू हो जाएंगे

इन प्रावधानों से यह सुनिश्चित होगा कि मौजूदा कर्जदारों को भी नए नियमों का लाभ मिले।

Author

  • Muskan Khatri

    Muskan Khatri has a Master’s degree in Mass Media and over 4 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.

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