PM Kisan Maandhan Yojana 2024: प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पेंशन योजना है जो छोटे और सीमांत किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है. यह योजना 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई थी और अब तक इसने लाखों किसानों को लाभान्वित किया है. इस योजना का मुख्य उद्देशय किसानों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये की पेंशन देना है.
इस योजना के तहत, 18 से 40 साल की उम्र के किसान इसमें शामिल हो सकते हैं. वे हर महीने अपनी उम्र के हिसाब से 55 से 200 रुपये तक का योगदान करते हैं, जिसके बराबर की राशि सरकार भी जमा करती है. यह एक स्वैच्छिक योजना है जो किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) एक पेंशन स्कीम है जो छोटे और सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक सहायता प्रदान करना है. योजना के तहत, किसानों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपये की पेंशन मिलती है.
इस योजना की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
विवरण | जानकारी |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) |
शुरुआत की तारीख | 12 सितंबर 2019 |
लक्षित लाभार्थी | छोटे और सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक की जमीन वाले) |
आयु सीमा | 18 से 40 साल |
मासिक योगदान | 55 से 200 रुपये (उम्र के हिसाब से) |
पेंशन राशि | 3000 रुपये प्रति माह (60 साल की उम्र के बाद) |
योजना का प्रबंधन | भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) |
योजना के लाभ
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना किसानों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है:
- न्यूनतम पेंशन गारंटी: योजना में शामिल हर किसान को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने कम से कम 3000 रुपये की पेंशन मिलने की गारंटी है.
- पारिवारिक पेंशन: अगर किसान की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को पेंशन राशि का 50% यानी 1500 रुपये प्रति माह मिलता है.
- सरकारी योगदान: किसान जितनी राशि जमा करता है, उतनी ही राशि सरकार भी जमा करती है.
- PM-KISAN लाभ का उपयोग: किसान अपने PM-KISAN लाभ का इस्तेमाल इस योजना में योगदान के लिए कर सकते हैं.
- लचीला योगदान: किसान अपनी उम्र के हिसाब से 55 से 200 रुपये तक का मासिक योगदान चुन सकते हैं.
योजना में शामिल होने की पात्रता
इस योजना में शामिल होने के लिए किसानों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है:
- किसान की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए.
- किसान के पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए.
- किसान का नाम राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए.
- किसान किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना का लाभार्थी नहीं होना चाहिए.
योजना में शामिल न होने वाले किसान
कुछ श्रेणियों के किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं:
- संस्थागत भूमि धारक
- पूर्व और वर्तमान संवैधानिक पद धारक
- पूर्व और वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री और लोकसभा/राज्यसभा/राज्य विधानसभाओं/राज्य विधान परिषदों के पूर्व/वर्तमान सदस्य
- सभी सेवानिवृत्त केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारी
- सभी सेवानिवृत्त और सेवारत कर्मचारी जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है
- पिछले आकलन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले सभी व्यक्ति
योजना में पंजीकरण की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में पंजीकरण करने के लिए किसान निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- ऑनलाइन पंजीकरण:
- आधिकारिक वेबसाइट www.pmkmy.gov.in पर जाएं
- ‘सेल्फ एनरोलमेंट’ पर क्लिक करें
- अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और OTP से वेरिफाई करें
- मांगी गई जानकारी भरें और फॉर्म जमा करें
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से:
- नजदीकी CSC पर जाएं
- पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं
- CSC ऑपरेटर आपकी मदद से फॉर्म भरेगा
- राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी के माध्यम से
पंजीकरण के समय निम्नलिखित जानकारी और दस्तावेज आवश्यक हैं:
- किसान/पति-पत्नी का नाम और जन्म तिथि
- बैंक खाता संख्या
- IFSC/MICR कोड
- मोबाइल नंबर
- आधार नंबर
- भूमि रिकॉर्ड की प्रति
योजना से बाहर निकलने का प्रावधान
अगर कोई किसान योजना से बाहर निकलना चाहता है, तो उसके लिए निम्नलिखित प्रावधान हैं:
- 10 साल से कम समय में निकलने पर: किसान को उसका योगदान बचत बैंक की ब्याज दर के साथ वापस किया जाएगा.
- 10 साल से अधिक लेकिन 60 साल से पहले निकलने पर: किसान को उसका योगदान और जमा ब्याज वापस किया जाएगा. ब्याज दर या तो पेंशन फंड द्वारा अर्जित दर या बचत बैंक की दर, जो भी अधिक हो, के हिसाब से दिया जाएगा.
- किसान की मृत्यु पर: अगर किसान की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी/पति योजना में योगदान देकर पेंशन का लाभ ले सकते हैं. अगर वे ऐसा नहीं करना चाहते, तो जमा राशि ब्याज सहित वापस कर दी जाएगी.
योजना का प्रभाव और उपलब्धियां
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना ने अपने पांच साल के कार्यकाल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं:
- व्यापक पहुंच: 23 अगस्त 2024 तक, 23.38 लाख से अधिक किसान इस योजना में पंजीकृत हो चुके हैं.
- राज्यवार प्रदर्शन:
- बिहार में सबसे अधिक 3.4 लाख से ज्यादा पंजीकरण हुए हैं
- झारखंड दूसरे स्थान पर है जहां 2.5 लाख से अधिक पंजीकरण हुए हैं
- उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में क्रमशः 2.5 लाख, 2 लाख और 1.5 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है
- वित्तीय सुरक्षा: योजना ने किसानों को बुढ़ापे के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है, जो कृषि की अनिश्चित प्रकृति के कारण महत्वपूर्ण है.
- सामाजिक सुरक्षा: यह योजना ग्रामीण आबादी के लिए सामाजिक सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण अंतर को पूरा कर रही है.
- जागरूकता बढ़ाना: योजना ने छोटे और सीमांत किसानों के बीच पेंशन और वित्तीय सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाई है.
योजना के लाभार्थियों के अनुभव
कई किसानों ने इस योजना से लाभ उठाया है और अपने अनुभव साझा किए हैं:
- राम सिंह, उत्तर प्रदेश: “इस योजना ने मुझे बुढ़ापे के लिए वित्तीय सुरक्षा दी है. अब मुझे अपने बच्चों पर निर्भर रहने की चिंता नहीं है.”
- सुनीता देवी, बिहार: “मैं हर महीने 55 रुपये जमा करती हूं. यह मेरे लिए एक छोटी राशि है, लेकिन मुझे पता है कि इससे मुझे बुढ़ापे में बड़ा फायदा मिलेगा.”
- रमेश पटेल, गुजरात: “यह योजना किसानों के लिए वरदान है. हमारी आय अनिश्चित होती है, लेकिन यह योजना हमें नियमित पेंशन का आश्वासन देती है.”