PM Kisan Beneficiary List: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत किसानों को एक और खुशखबरी मिली है। केंद्र सरकार ने इस योजना की 18वीं किस्त जारी कर दी है। इस किस्त के तहत देश भर के करोड़ों किसानों के खातों में 2000 रुपये की राशि ट्रांसफर की जा रही है।
यह योजना 2019 में शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6000 रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। अब तक इस योजना के माध्यम से लाखों किसानों को लाभ मिल चुका है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के सभी भूमिधारक किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करना है।
इस योजना के तहत:
- पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
- यह राशि 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों के पास खेती योग्य भूमि होना आवश्यक है।
पीएम किसान योजना 18वीं किस्त की जानकारी
पीएम किसान योजना की 18वीं किस्त नवंबर या दिसंबर 2024 में जारी होने की संभावना है। इस किस्त के तहत:
- प्रत्येक पात्र किसान को 2000 रुपये की राशि मिलेगी।
- यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
- इससे पहले 17वीं किस्त जून 2024 में जारी की गई थी।
PM Kisan Yojana के लिए पात्रता
- किसान के पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
- किसान का नाम भूमि रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए।
- किसान के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
- किसान के पास एक वैध बैंक खाता होना चाहिए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व के दस्तावेज
- बैंक पासबुक या चेक बुक
- मोबाइल नंबर
पीएम किसान योजना आवेदन प्रक्रिया
- आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं।
- ‘फार्मर्स कॉर्नर’ में ‘न्यू फार्मर रजिस्ट्रेशन’ पर क्लिक करें।
- आवश्यक जानकारी जैसे आधार नंबर, नाम, मोबाइल नंबर आदि भरें।
- अपने राज्य और जिले का चयन करें।
- अपनी भूमि के विवरण दर्ज करें।
- बैंक खाते की जानकारी प्रदान करें।
- घोषणा पर सहमति दें और फॉर्म जमा करें।
पीएम किसान योजना लाभार्थी सूची में नाम कैसे चेक करें
अपना नाम पीएम किसान लाभार्थी सूची में चेक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं।
- ‘फार्मर्स कॉर्नर’ सेक्शन में ‘बेनिफिशियरी लिस्ट’ पर क्लिक करें।
- अपने राज्य, जिले और उप-जिले का चयन करें।
- अपने ब्लॉक का चयन करें और गांव का नाम दर्ज करें।
- लाभार्थी सूची स्क्रीन पर दिखाई देगी, जिसमें आप अपना नाम चेक कर सकते हैं।
PM Kisan लाभार्थी स्थिति कैसे जांचें
- pmkisan.gov.in पर जाएं।
- ‘फार्मर्स कॉर्नर’ में ‘बेनिफिशियरी स्टेटस’ पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर, बैंक खाता नंबर या मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- कैप्चा कोड दर्ज करें और ‘गेट डेटा’ पर क्लिक करें।
- आपकी लाभार्थी स्थिति स्क्रीन पर दिखाई देगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
- योजना के तहत अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिल चुका है।
- पिछले पांच वर्षों में इस योजना के तहत 2.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
- ई-केवाईसी अनिवार्य है। इसे पीएम किसान पोर्टल या नजदीकी सीएससी केंद्र पर पूरा किया जा सकता है।
- किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी ई-केवाईसी जल्द से जल्द पूरी कर लें ताकि किस्त प्राप्त करने में कोई समस्या न हो।
सामान्य समस्याएं और समाधान
- किस्त न मिलने की स्थिति में:
- अपनी लाभार्थी स्थिति ऑनलाइन जांचें।
- सुनिश्चित करें कि आपकी ई-केवाईसी पूरी हो गई है।
- अपने बैंक खाते की जानकारी की पुष्टि करें।
- गलत बैंक खाता विवरण:
- अपने नजदीकी सीएससी केंद्र या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर सही जानकारी अपडेट करवाएं।
- आधार लिंकिंग समस्या:
- अपने आधार कार्ड को बैंक खाते और मोबाइल नंबर से लिंक करवाएं।
- ई-केवाईसी समस्या:
- पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन ई-केवाईसी करें या नजदीकी सीएससी केंद्र पर जाएं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का प्रभाव
- आर्थिक सहायता: योजना ने किसानों को नियमित आय सहायता प्रदान की है, जिससे उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली है।
- कृषि निवेश: किसान इस राशि का उपयोग बीज, उर्वरक और अन्य कृषि आदानों की खरीद के लिए कर रहे हैं, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हुई है।
- ऋण बोझ में कमी: नियमित आय के कारण किसानों पर ऋण का बोझ कम हुआ है।
- वित्तीय समावेशन: योजना ने किसानों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।
Mukesh