मात्र 100 रुपये में बनाएं बँटवारानामा और करें अपनी पुश्तैनी जमीन का सही बंटवारा Partition Deed For Ancestral Land

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Partition Deed For Ancestral Land: पुश्तैनी संपत्ति का बंटवारा अक्सर परिवारों के लिए एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा होता है। कई बार इसे लेकर परिवार में झगड़े भी हो जाते हैं। लेकिन अब आप सिर्फ 100 रुपये में अपनी पुश्तैनी जमीन का कानूनी तौर पर सही बंटवारा कर सकते हैं। इसके लिए आपको बँटवारानामा या पार्टिशन डीड बनवाना होगा। यह एक कानूनी दस्तावेज है जो संपत्ति के सभी मालिकों के हिस्से और अधिकारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।

बँटवारानामा बनवाने से न केवल आपकी संपत्ति का सही बंटवारा हो जाएगा बल्कि भविष्य में होने वाले विवादों से भी बचा जा सकेगा। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे सिर्फ 100 रुपये में अपनी पुश्तैनी जमीन का कानूनी बँटवारानामा बनवा सकते हैं और इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां भी देंगे।

बँटवारानामा क्या है?

बँटवारानामा या पार्टिशन डीड एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी संपत्ति के सह-मालिकों के बीच उस संपत्ति के बंटवारे को दर्शाता है। यह दस्तावेज संपत्ति में प्रत्येक मालिक के हिस्से और अधिकारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। बँटवारानामा बनने के बाद प्रत्येक मालिक अपने हिस्से का स्वतंत्र मालिक बन जाता है और वह अपनी इच्छानुसार उस हिस्से को बेच, किराए पर दे या गिफ्ट कर सकता है।

बँटवारानामे की मुख्य विशेषताएं:

विशेषताविवरण
प्रकारकानूनी दस्तावेज
उद्देश्यसंपत्ति का बंटवारा करना
पक्षकारसंपत्ति के सह-मालिक
वैधतारजिस्ट्रेशन के बाद कानूनी रूप से मान्य
लाभविवादों से बचाव, स्पष्ट स्वामित्व
खर्चन्यूनतम 100 रुपये
समय1-2 दिन में बन सकता है
जरूरी दस्तावेजसंपत्ति के कागजात, ID प्रूफ आदि

बँटवारानामा क्यों जरूरी है?

बँटवारानामा बनवाना कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

  • यह संपत्ति में प्रत्येक मालिक के हिस्से को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है
  • भविष्य में होने वाले विवादों से बचाता है
  • प्रत्येक मालिक को अपने हिस्से पर पूर्ण अधिकार मिलता है
  • संपत्ति बेचने या गिरवी रखने में आसानी होती है
  • बैंक लोन लेने में मदद मिलती है
  • कानूनी रूप से मान्य दस्तावेज होता है

100 रुपये में बँटवारानामा कैसे बनवाएं?

आप निम्न तरीके से सिर्फ 100 रुपये में अपना बँटवारानामा बनवा सकते हैं:

  1. सबसे पहले सभी सह-मालिकों की सहमति लें
  2. संपत्ति के सभी दस्तावेज इकट्ठा करें
  3. सभी पक्षों के ID प्रूफ और पते के प्रमाण की कॉपी लें
  4. नजदीकी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाएं
  5. वहां 100 रुपये का स्टांप पेपर खरीदें
  6. बँटवारानामे का प्रारूप तैयार करें या करवाएं
  7. सभी पक्षों के हस्ताक्षर करवाएं
  8. दो गवाहों के हस्ताक्षर भी करवाएं
  9. सब-रजिस्ट्रार के सामने दस्तावेज पर हस्ताक्षर करें
  10. रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें (राज्य के अनुसार अलग-अलग)
  11. रजिस्टर्ड बँटवारानामे की कॉपी प्राप्त करें

इस प्रक्रिया में कुल 1-2 दिन का समय लग सकता है।

बँटवारानामे में क्या-क्या शामिल होना चाहिए?

एक अच्छे बँटवारानामे में निम्न बातें जरूर शामिल होनी चाहिए:

  • संपत्ति का पूरा विवरण और स्थान
  • सभी सह-मालिकों के नाम और पते
  • प्रत्येक मालिक का हिस्सा
  • संपत्ति के बंटवारे का तरीका
  • साझा क्षेत्रों का विवरण (यदि कोई हो)
  • भविष्य में विक्रय या हस्तांतरण के नियम
  • सभी पक्षों और गवाहों के हस्ताक्षर
  • तारीख और स्थान

बँटवारानामा बनवाने के फायदे

बँटवारानामा बनवाने के कई फायदे हैं:

  • कानूनी रूप से मान्य दस्तावेज मिलता है
  • संपत्ति में अपने हिस्से का स्पष्ट प्रमाण मिलता है
  • भविष्य में विवादों से बचाव होता है
  • अपने हिस्से को बेचने या गिरवी रखने में आसानी होती है
  • बैंक लोन लेने में मदद मिलती है
  • म्युटेशन कराने में आसानी होती है
  • टैक्स भरने में सुविधा होती है
  • परिवार में शांति बनी रहती है

बँटवारानामा बनवाते समय ध्यान देने योग्य बातें

बँटवारानामा बनवाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:

  • सभी सह-मालिकों की सहमति जरूरी है
  • संपत्ति के सभी दस्तावेज साथ रखें
  • सभी पक्षों के ID प्रूफ और पते के प्रमाण जरूरी हैं
  • बँटवारे का तरीका स्पष्ट लिखें
  • साझा क्षेत्रों का विवरण जरूर दें
  • भविष्य में विक्रय के नियम स्पष्ट करें
  • सभी पक्षों और गवाहों के हस्ताक्षर जरूरी हैं
  • रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं

बँटवारानामा न बनवाने के नुकसान

यदि आप बँटवारानामा नहीं बनवाते हैं तो निम्न नुकसान हो सकते हैं:

  • भविष्य में परिवार में विवाद हो सकते हैं
  • अपने हिस्से को बेचने या गिरवी रखने में दिक्कत आएगी
  • बैंक लोन लेने में परेशानी होगी
  • कानूनी रूप से अपने हिस्से का प्रमाण नहीं होगा
  • म्युटेशन कराने में दिक्कत आएगी
  • टैक्स भरने में परेशानी हो सकती है
  • किसी एक व्यक्ति द्वारा पूरी संपत्ति बेची जा सकती है

बँटवारानामे से जुड़े कानूनी पहलू

बँटवारानामे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण कानूनी पहलू इस प्रकार हैं:

  • यह भारतीय पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 के तहत अनिवार्य रूप से पंजीकृत होना चाहिए
  • इस पर भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 के तहत स्टाम्प शुल्क देना होता है
  • हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत हिंदू अविभाजित परिवार की संपत्ति का बंटवारा किया जाता है
  • मुस्लिम कानून के तहत मुस्लिम परिवारों की संपत्ति का बंटवारा होता है
  • यदि कोई पक्ष नाबालिग है तो उसके कानूनी अभिभावक की सहमति जरूरी है
  • यदि कोई पक्ष विदेश में है तो पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बंटवारा हो सकता है

बँटवारानामे के प्रकार

बँटवारानामे के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:

  1. आपसी सहमति से बँटवारानामा: जब सभी पक्ष आपस में सहमत होकर बंटवारा करते हैं
  2. न्यायालय के आदेश से बँटवारानामा: जब पक्षों में सहमति नहीं बनती और अदालत के आदेश से बंटवारा होता है

इसके अलावा कुछ अन्य प्रकार भी हैं:

  • मौखिक बँटवारानामा
  • लिखित बँटवारानामा
  • पारिवारिक व्यवस्था का ज्ञापन

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हर राज्य और स्थिति में नियम अलग-अलग हो सकते हैं। कृपया सटीक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय या किसी योग्य वकील से संपर्क करें। 100 रुपये में बँटवारानामा बनाने की प्रक्रिया सरकारी नियमों के अनुसार बदल सकती है। यह आवश्यक नहीं है कि हर जगह इतनी कम राशि में बँटवारानामा बन जाए। वास्तविक खर्च स्थानीय नियमों और संपत्ति के मूल्य पर निर्भर करेगा।

Author

  • Muskan Khatri

    Muskan Khatri has a Master’s degree in Mass Media and over 4 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.

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