OPS पर सरकार का बड़ा ऐलान, कर्मचारियों में खुशी की लहर, जानें अब क्या होगा Old Pension Scheme update

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Old Pension Scheme update: पेंशन योजनाओं को लेकर लंबे समय से चल रही बहस पर सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश पर रोक लगा दी है। इस आदेश में कहा गया था कि OPS अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों पर भी लागू होगी।

सरकार के इस फैसले से OPS को लेकर चल रही अनिश्चितता पर विराम लग गया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाया है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि अर्धसैनिक बल केंद्र के सशस्त्र बल हैं और उन पर भी OPS लागू होगी।

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) क्या है?

ओल्ड पेंशन स्कीम सरकारी कर्मचारियों के लिए एक पेंशन योजना है जो 2004 से पहले लागू थी। इस योजना की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

विशेषताविवरण
पेंशन राशिआखिरी वेतन का 50%
कर्मचारी योगदानकोई योगदान नहीं
सरकार का योगदानपूरी पेंशन राशि सरकार द्वारा दी जाती है
महंगाई भत्तापेंशन पर महंगाई भत्ता मिलता है
परिवार पेंशनकर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को पेंशन मिलती है
गारंटीसरकार द्वारा पेंशन की गारंटी
लाभरिटायरमेंट के बाद आजीवन निश्चित आय
जोखिमकर्मचारी के लिए कोई निवेश जोखिम नहीं

OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनके आखिरी वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता था। इसमें कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं करना पड़ता था और पूरी पेंशन राशि सरकार द्वारा दी जाती थी। इस योजना में पेंशन पर महंगाई भत्ता भी मिलता था और कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को भी पेंशन मिलती थी।

OPS की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि इसमें कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आजीवन एक निश्चित आय की गारंटी मिलती थी। साथ ही इसमें कर्मचारियों के लिए कोई निवेश जोखिम नहीं था क्योंकि पूरी पेंशन राशि सरकार द्वारा दी जाती थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का महत्व

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बहुत महत्व है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:

  • केंद्र सरकार की स्थिति मजबूत: इस फैसले से केंद्र सरकार की स्थिति मजबूत हुई है। सरकार का कहना है कि OPS को लागू करना आर्थिक रूप से संभव नहीं है।
  • नई पेंशन योजना को समर्थन: यह फैसला नई पेंशन योजना (NPS) को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता है। NPS को OPS की जगह 2004 में लागू किया गया था।
  • अर्धसैनिक बलों की स्थिति स्पष्ट: इस फैसले से अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की पेंशन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। अब उन पर OPS लागू नहीं होगी।
  • राज्य सरकारों पर असर: कई राज्य सरकारें OPS को फिर से लागू करने की मांग कर रही थीं। इस फैसले से उन पर भी असर पड़ेगा।
  • आर्थिक प्रभाव: OPS को लागू करने से सरकार पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता। इस फैसले से वह बोझ टल गया है।

OPS और NPS में अंतर

OPS और NPS में कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। इन दोनों योजनाओं की तुलना इस प्रकार की जा सकती है:

विशेषताOPSNPS
पेंशन राशिआखिरी वेतन का 50%निवेश के रिटर्न पर निर्भर
कर्मचारी योगदानकोई योगदान नहींवेतन का 10%
सरकार का योगदानपूरी पेंशन राशिवेतन का 14%
निवेशसरकार द्वाराबाजार में निवेश
जोखिमकोई जोखिम नहींबाजार जोखिम
लचीलापनकम लचीलाअधिक लचीला
आर्थिक बोझसरकार पर अधिक बोझकम बोझ
लाभ निकासीपूरी राशि पेंशन के रूप में60% एकमुश्त, 40% पेंशन

OPS में कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलती थी जबकि NPS में पेंशन राशि निवेश के रिटर्न पर निर्भर करती है। OPS में कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं करना पड़ता था जबकि NPS में उन्हें अपने वेतन का 10% योगदान करना होता है।

OPS सरकार के लिए आर्थिक रूप से अधिक बोझिल थी जबकि NPS में सरकार का योगदान सीमित है। OPS में कर्मचारियों के लिए कोई निवेश जोखिम नहीं था जबकि NPS में बाजार का जोखिम रहता है।

NPS अधिक लचीली योजना है जिसमें कर्मचारी अपने पैसे का निवेश कैसे करना है यह चुन सकते हैं। OPS में ऐसी कोई लचीलता नहीं थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का कई लोगों और संस्थाओं पर प्रभाव पड़ेगा:

  • अर्धसैनिक बल: इस फैसले से अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को OPS का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें NPS के तहत ही पेंशन मिलेगी।
  • केंद्र सरकार: सरकार को राहत मिली है क्योंकि OPS लागू करने से उस पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता।
  • राज्य सरकारें: कई राज्य सरकारें OPS को फिर से लागू करने की मांग कर रही थीं। इस फैसले से उन पर दबाव कम होगा।
  • सरकारी कर्मचारी: नए सरकारी कर्मचारियों को OPS का लाभ नहीं मिलेगा। वे NPS के तहत ही पेंशन पाएंगे।
  • पेंशन फंड: NPS के तहत पेंशन फंड में निवेश जारी रहेगा जिससे पूंजी बाजार को मदद मिलेगी।

OPS की मांग के पीछे कारण

OPS को फिर से लागू करने की मांग के पीछे कई कारण हैं:

  • निश्चित पेंशन: OPS में कर्मचारियों को निश्चित पेंशन मिलती थी जो उनके आखिरी वेतन का 50% होती थी।
  • कोई जोखिम नहीं: OPS में कर्मचारियों के लिए कोई निवेश जोखिम नहीं था।
  • महंगाई भत्ता: OPS में पेंशन पर महंगाई भत्ता मिलता था जो NPS में नहीं है।
  • परिवार पेंशन: OPS में कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को पेंशन मिलती थी।
  • कोई योगदान नहीं: OPS में कर्मचारियों को कोई योगदान नहीं करना पड़ता था।
  • सरकारी गारंटी: OPS में सरकार द्वारा पेंशन की गारंटी थी।

सरकार का पक्ष

सरकार OPS को फिर से लागू करने के खिलाफ है। इसके पीछे कई कारण हैं:

  • आर्थिक बोझ: OPS सरकार पर बड़ा आर्थिक बोझ डालती है। इससे सरकार का खर्च बहुत बढ़ जाएगा।
  • अनिश्चित देनदारियां: OPS में सरकार की भविष्य की देनदारियां अनिश्चित होती हैं।
  • विकास पर असर: OPS पर खर्च बढ़ने से विकास कार्यों पर खर्च कम हो जाएगा।
  • NPS के फायदे: सरकार का कहना है कि NPS कर्मचारियों के लिए बेहतर है क्योंकि इसमें उन्हें अपने पैसे का निवेश करने की आजादी है।
  • पूंजी बाजार: NPS से पूंजी बाजार को मदद मिलती है जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।
  • आधुनिक व्यवस्था: NPS एक आधुनिक पेंशन व्यवस्था है जो दुनिया के कई देशों में लागू है।

आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब OPS को फिर से लागू करने की संभावना कम हो गई है। हालांकि, सरकार को NPS में कुछ सुधार करने की जरूरत हो सकती है:

  • न्यूनतम पेंशन: NPS में एक न्यूनतम गारंटीड पेंशन की व्यवस्था की जा सकती है।
  • महंगाई भत्ता: NPS पेंशन पर महंगाई भत्ता देने पर विचार किया जा सकता है।
  • परिवार पेंशन: NPS में परिवार पेंशन की व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
  • सरकारी योगदान: सरकार अपने योगदान को बढ़ा सकती है।
  • कर लाभ: NPS में और अधिक कर लाभ दिए जा सकते हैं।
  • जागरूकता: NPS के फायदों के बारे में कर्मचारियों को जागरूक करने की जरूरत है।

Author

  • Muskan Khatri

    Muskan Khatri has a Master’s degree in Mass Media and over 4 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.

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3 thoughts on “OPS पर सरकार का बड़ा ऐलान, कर्मचारियों में खुशी की लहर, जानें अब क्या होगा Old Pension Scheme update”

  1. अगर NPS अच्छा हैं तो फिर नेता खुद ops क्यों ले रहा हैं

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