दाखिल-खारिज नहीं है जरूरी! सर्वे में जमीन अपने नाम कराने की मिल गई मंजुरी Land Survey Bihar

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Land Survey Bihar: बिहार सरकार ने राज्य में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण अभियान के दौरान एक बड़ा फैसला लिया है। अब लोग बिना दाखिल-खारिज कराए भी अपनी जमीन का नाम सर्वे में दर्ज करा सकते हैं। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जिनके पास जमीन है लेकिन किसी कारणवश वह दाखिल-खारिज नहीं करा पाए थे।

इस नए नियम से जमीन के असली मालिकों को अपना हक मिलने में आसानी होगी। साथ ही यह कदम भूमि विवादों को कम करने और जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करने में मददगार साबित होगा। आइए इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानें।

बिहार भूमि सर्वेक्षण योजना की जानकारी

बिहार सरकार राज्य में व्यापक स्तर पर भूमि सर्वेक्षण करा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करना और डिजिटल बनाना है। इससे भूमि विवाद कम होंगे और लोगों को अपनी जमीन का सही रिकॉर्ड मिल सकेगा।

योजना की मुख्य बातें

विवरणजानकारी
योजना का नामबिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण अभियान
शुरुआतअगस्त 2023
लक्ष्य पूरा होने की तिथिनवंबर 2025
कवर किए जाने वाले जिलेबिहार के सभी 38 जिले
लाभार्थीबिहार के सभी भूमि मालिक
प्रमुख उद्देश्यजमीन के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण
नोडल विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग

दाखिल-खारिज की अनिवार्यता खत्म

बिहार सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब लोग बिना दाखिल-खारिज कराए भी अपनी जमीन का नाम सर्वे में दर्ज करा सकते हैं। इससे पहले दाखिल-खारिज कराना अनिवार्य था। यह नया नियम उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जिनके पास जमीन है लेकिन वह किसी कारण से दाखिल-खारिज नहीं करा पाए थे।

इस नियम से किन लोगों को फायदा होगा?

  • जिन लोगों ने जमीन खरीदी है लेकिन दाखिल-खारिज नहीं कराया
  • वारिसों के नाम पर जमीन है लेकिन दाखिल-खारिज नहीं हुआ
  • पुराने रिकॉर्ड में नाम गलत दर्ज है
  • जमीन का बंटवारा हुआ लेकिन रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुआ

सर्वे में जमीन अपने नाम कराने की प्रक्रिया

अब जब दाखिल-खारिज की अनिवार्यता खत्म हो गई है, तो लोग सीधे सर्वे टीम के पास जाकर अपनी जमीन का नाम दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज और प्रक्रिया का पालन करना होगा।

जरूरी दस्तावेज

  1. पहचान पत्र (आधार कार्ड/वोटर आईडी)
  2. जमीन से संबंधित कागजात (रजिस्ट्री/बैनामा)
  3. वारिसों के मामले में मृत्यु प्रमाण पत्र और वंशावली
  4. बंटवारे के मामले में पारिवारिक समझौता पत्र
  5. अन्य कोई सहायक दस्तावेज

प्रक्रिया के चरण

  1. सर्वे टीम से संपर्क करें: अपने क्षेत्र में काम कर रही सर्वे टीम का पता लगाएं।
  2. फॉर्म भरें: टीम द्वारा दिए गए फॉर्म को सही जानकारी के साथ भरें।
  3. दस्तावेज जमा करें: सभी जरूरी दस्तावेजों की कॉपी जमा करें।
  4. जमीन की पहचान: सर्वे टीम के साथ मौके पर जाकर जमीन की पहचान कराएं।
  5. सत्यापन: टीम आपके द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन करेगी।
  6. रिकॉर्ड अपडेट: सब कुछ सही पाए जाने पर आपका नाम नए रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया जाएगा।

नए नियम के फायदे

इस नए नियम से कई तरह के फायदे होंगे। इससे न सिर्फ लोगों को राहत मिलेगी बल्कि सरकार को भी जमीन के रिकॉर्ड अपडेट करने में मदद मिलेगी।

लोगों को फायदे

  • समय और पैसे की बचत: दाखिल-खारिज कराने में जो समय और पैसा लगता था, वह बच जाएगा।
  • विवादों में कमी: सही मालिक का नाम रिकॉर्ड में आ जाने से भविष्य में विवाद कम होंगे।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ: अपडेटेड रिकॉर्ड होने से सरकारी योजनाओं का लाभ लेना आसान होगा।
  • बैंक लोन में आसानी: सही नाम पर जमीन होने से बैंक लोन लेना आसान हो जाएगा।

सरकार को फायदे

  • रिकॉर्ड का आधुनिकीकरण: पुराने रिकॉर्ड अपडेट हो जाएंगे।
  • राजस्व में वृद्धि: सही मालिक के नाम आने से राजस्व संग्रह में मदद मिलेगी।
  • योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन: सही डेटा होने से सरकारी योजनाओं को लागू करना आसान होगा।
  • विवादों में कमी: अदालतों में जमीन से जुड़े मामले कम होंगे।

Disclaimer: यह लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। हालांकि बिहार सरकार ने इस तरह की घोषणा की है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कुछ बदलाव हो सकते हैं। किसी भी कार्रवाई से पहले स्थानीय प्रशासन या सरकारी वेबसाइट से नवीनतम जानकारी प्राप्त कर लें। यह लेख कानूनी सलाह नहीं है और किसी भी कानूनी मामले के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहतर होगा।

Author

  • Muskan Khatri

    Muskan Khatri has a Master’s degree in Mass Media and over 4 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.

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