PM Kusum Yojana: प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) योजना भारत सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सस्ती और टिकाऊ सिंचाई सुविधा प्रदान करना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके और कृषि क्षेत्र में डीजल के उपयोग को कम किया जा सके।
PM कुसुम योजना के तहत, किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचा रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सौर ऊर्जा के उपयोग से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है।
PM कुसुम योजना क्या है?
PM कुसुम योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान है। यह योजना मार्च 2019 में भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली प्रदान करना और उनकी आय में वृद्धि करना है।
PM कुसुम योजना के तीन प्रमुख घटक हैं:
- घटक-A: इसके तहत किसानों की बंजर या खाली पड़ी जमीन पर 10,000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
- घटक-B: इसके अंतर्गत 17.50 लाख स्टैंडअलोन सोलर पंप स्थापित किए जाएंगे।
- घटक-C: इसमें 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सौरीकरण किया जाएगा।
PM कुसुम योजना के लाभ
PM कुसुम योजना किसानों को कई तरह के लाभ प्रदान करती है:
- बिजली बिल में बचत: सोलर पंप के उपयोग से किसानों के बिजली बिल में काफी कमी आती है।
- अतिरिक्त आय: किसान अतिरिक्त बिजली को ग्रिड को बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण: सौर ऊर्जा के उपयोग से कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है।
- सिंचाई की निरंतरता: बिजली की कटौती से प्रभावित नहीं होने के कारण सिंचाई निरंतर जारी रह सकती है।
- रोजगार सृजन: सोलर पंप की स्थापना और रखरखाव से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
PM कुसुम योजना की पात्रता
इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक के पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
- आवेदक के पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
- किसान के पास बैंक खाता होना चाहिए।
- आवेदक की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
PM कुसुम योजना के तहत अनुदान
इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है। अनुदान का विवरण निम्नलिखित है:
घटक | केंद्र सरकार का अनुदान | राज्य सरकार का अनुदान | किसान का योगदान |
सामान्य राज्य | 30% | 30% | 40% |
पूर्वोत्तर राज्य | 50% | 30% | 20% |
PM कुसुम योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- अपने राज्य के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
- PM कुसुम योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन शुल्क का भुगतान करें (यदि लागू हो)।
- आवेदन जमा करें और पावती प्राप्त करें।
आवश्यक दस्तावेज
योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखें:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- जमीन के दस्तावेज
- बिजली बिल (यदि उपलब्ध हो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
PM कुसुम योजना की प्रगति
PM कुसुम योजना के तहत अब तक की प्रगति निम्नलिखित है:
- कुल स्वीकृत सोलर पंप: 9.25 लाख
- कुल स्थापित सोलर पंप: 3.59 लाख
- कुल स्वीकृत सौर ऊर्जा क्षमता: 4,909 मेगावाट
- कुल स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता: 1,430 मेगावाट
PM कुसुम योजना के लाभार्थियों के अनुभव
कई किसानों ने PM कुसुम योजना से लाभ उठाया है। कुछ लाभार्थियों के अनुभव:
- राजेश कुमार, उत्तर प्रदेश: “सोलर पंप लगाने के बाद मेरे बिजली बिल में 70% की कमी आई है।”
- सुनीता देवी, राजस्थान: “अब मैं बिना किसी रुकावट के अपने खेत की सिंचाई कर पाती हूं।”
- रमेश पाटिल, महाराष्ट्र: “अतिरिक्त बिजली बेचकर मैं हर महीने 2000-3000 रुपये अतिरिक्त कमा लेता हूं।”
PM कुसुम योजना की चुनौतियां
योजना के कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं:
- किसानों में जागरूकता की कमी
- प्रारंभिक लागत अधिक होना
- तकनीकी ज्ञान की कमी
- रखरखाव की समस्या
- कुछ क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी
भविष्य की संभावनाएं
PM कुसुम योजना का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है। सरकार ने 2026 तक 30.8 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा भी मजबूत होगी।